Kafka on the Shore

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Kafka on the Shore, a tour de force of metaphysical reality, is powered by two remarkable characters: a teenage boy, Kafka Tamura, who runs away from home either to escape a gruesome oedipal prophecy or to search for his long-missing mother and sister; and an aging simpleton called Nakata, who never recovered from a wartime affliction and now is drawn toward Kafka for reasons that, like the most basic activities of daily life, he cannot fathom. Their odyssey, as mysterious to them as it is to us, is enriched throughout by vivid accomplices and mesmerizing events. Cats and people carry on conversations, a ghostlike pimp employs a Hegel-quoting prostitute, a forest harbors soldiers apparently unaged since World War II, and rainstorms of fish (and worse) fall from the sky. There is a brutal murder, with the identity of both victim and perpetrator a riddle—yet this, along with everything else, is eventually answered, just as the entwined destinies of Kafka and Nakata are gradually revealed, with one escaping his fate entirely and the other given a fresh start on his own.

467 pages, Paperback

First published September 1,2002

About the author

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Haruki Murakami ( 村上春樹) is a Japanese writer. His novels, essays, and short stories have been best-sellers in Japan and internationally, with his work translated into 50 languages and having sold millions of copies outside Japan. He has received numerous awards for his work, including the Gunzo Prize for New Writers, the World Fantasy Award, the Tanizaki Prize, Yomiuri Prize for Literature, the Frank O'Connor International Short Story Award, the Noma Literary Prize, the Franz Kafka Prize, the Kiriyama Prize for Fiction, the Goodreads Choice Awards for Best Fiction, the Jerusalem Prize, and the Princess of Asturias Awards.
Growing up in Ashiya, near Kobe before moving to Tokyo to attend Waseda University, he published his first novel Hear the Wind Sing (1979) after working as the owner of a small jazz bar for seven years. His notable works include the novels Norwegian Wood (1987), The Wind-Up Bird Chronicle (1994–95), Kafka on the Shore (2002) and 1Q84 (2009–10); the last was ranked as the best work of Japan's Heisei era (1989–2019) by the national newspaper Asahi Shimbun's survey of literary experts. His work spans genres including science fiction, fantasy, and crime fiction, and has become known for his use of magical realist elements. His official website cites Raymond Chandler, Kurt Vonnegut and Richard Brautigan as key inspirations to his work, while Murakami himself has named Kazuo Ishiguro, Cormac McCarthy and Dag Solstad as his favourite currently active writers. Murakami has also published five short story collections, including First Person Singular (2020), and non-fiction works including Underground (1997), an oral history of the Tokyo subway sarin attack, and What I Talk About When I Talk About Running (2007), a memoir about his experience as a long distance runner.
His fiction has polarized literary critics and the reading public. He has sometimes been criticised by Japan's literary establishment as un-Japanese, leading to Murakami's recalling that he was a "black sheep in the Japanese literary world". Meanwhile, Murakami has been described by Gary Fisketjon, the editor of Murakami's collection The Elephant Vanishes (1993), as a "truly extraordinary writer", while Steven Poole of The Guardian praised Murakami as "among the world's greatest living novelists" for his oeuvre.

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April 25,2025
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مراجعة مشتركة قام بكتابتها كلّ من أحمد شاهين وراية

Ahmed Hussein ShaheenAhmed Hussein Shaheen

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"كلّ منّا يفقد شيئاً عزيزاً عليه، فُرصاً، إمكانيات، مشاعر لا يمكننا استعادتها أبداً. كل هذا جزء من معنى كوننا نعيش. ولكن في داخل رؤوسنا – أو هذا ما أتصوّره أنا – نخزّن الذكريات في غرفة صغيرة هناك. غرفة كالرفوف في هذه المكتبة، ولنعي الأعمال التي كتبتها قلوبنا، علينا أن نصنّفها وننظّمها ببطاقات، ونزيل عنه الغبار من حين لآخر، ونجدّد لها الهواء، ونغيّر الماء في أواني الزهور، بكلمات أخرى، ستعيش للأبد في مكتبتك الخاصة بك."
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في هذه الرواية، ننطلق مع الفتى كافكا تامورا في رحلة هروبه من بيت أبيه حين بلغ الخامسة عشرة من عمره. نذهب معه في رحلة لبحثه عن إجابات فيما يتعلّق بماضي والديه، وبه هو نفسه. حيث ينتهي المطاف به في مكتبة كوميورا التاريخية.

في الوقت نفسه نتعرّف إلى العجوز ناكاتا، صاحب النصف ظل، المسكين، المسالم، الذي لا يعرف القراءة ولا الكتابة، ويتحدّث عن نفسه بصيغة الغائب، والذي يستطيع محادثة القطط. ونصحب ناكاتا أيضاً في رحلته الغريبة للبحث عن نصف ظله الضائع وما يصادفه من مشكلات وأزمات.

نُعجب بشخصية الفتى كافكا المثقف، القارئ، الذي يمارس الرياضة باستمرار، والشجاع كذلك حيث استطاع الهروب من منزل والده ومدرسته رغم صغر سنّه. ونُحب العجوز ناكاتا وبرائته وبساطته ونظرته المسطّحة جداً للحياة.

نلتقي أيضاً بأوشيما، عامل المكتبة، الذي ساعد كافكا بالاستمرار في رحلته، وكذلك نُعجب به وبثقافته وأناقة هندامه، وحبّه للموسيقى، وصراحته في التعبير عن نفسه أمام كافكا، حيث أن أوشيما أنثى في الأصل وليس ذكراً.

ونتعرّف إلى هوشينو، السائق الذي أقلّ ناكاتا إلى تاكاماتسو، وصحبه في رحلته، ونلاحظ كيف تأثر هوشينو في هذه الرحلة، حيث أدرك أن حياته السابقة كانت خالية من أي معنى أو جوهر. وبتعرّفه إلى ناكاتا وما واجهاه سويّة، جعلا منه إنساناً آخر، ينظر للحياة بنظرة مختلفة، أصبح يقرأ ويهتم بالموسيقى وبسميفونيات بينهوفن خصوصاً وحتى بأفلام فرانسوا تروفو.

ونتعرّف إلى الآنسة ساييكي أيضاً، المسؤولة عن مكتبة كوميورا، ذات الشخصية الغامضة والساحرة في نفس الوقت، التي تلف الأسرار حياتها الماضية والحاضرة.

أكثر ما لفت انتباهنا هو وجود نقاط تشابه كبيرة بين الفتى كافكا تامورا والعجوز ناكاتا؛ مثلاً هما يحبّان النظافة والاهتمام بنفسهما كثيراً. يفقدان الوعي لفترة فلا يعرف كلاهما ماذا حصل أو لمَ هو في ذلك المكان. كلاهما يسكانان في حي ناكانو في طوكيو، ويحبان القطط؛ فناكاتا يحادث القطط وكافكا حين يملس فراء القط يذكّره هذا بشيء ما لا يدري كنهه تماماً. وفي حادثة قتل جوني ووكر، ناكاتا لم يتلطّخ بالدماء وكافكا تلطّخ قميصه بها، رغم اختلاف أمكانهما.

رغم كل تلك الأسرار والألغاز المختلطة، تُعجبك الرواية، وتسحرك بتفاصيلها الغريبة. تتناول الرواية أفكاراً وجودية عن قيمة الحياة والذكريات، والحب، والموت؛ حيث نرى بوضوح بأن الموت هنا ما هو إلّا جزء من رحلة الإنسان في الحياة، وأهمية اكتشاف الذات، أو ما يسمّيها موراكامي المتاهة الداخلية:
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"الأشياء خارجك ليس سوى انعكاس ظاهري لما بداخلك، وما في داخلك انعكاس لما هو خارجك. ولهذا فحين تدخل متاهة في الخارج، تكون في الوقت نفسه قد دخلت إلى متاهة الداخل. وهو بالتأكيد، أمر ينطوي على خطر."

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وأهمية مواجهة المخاوف كذلك حتى نستطيع التغلّب عليها:
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"إغماض العينين لن يغيّر في شيء. لا شيء سيختفي لمجرّد أنك لا تريد أن تراه. بل، ستجد أن الأمر ازداد سوءاً في المرة التالية التي تنظر فيها. هذا هو العالم الذي نحيا فيه. أبقِ عينيك مفتوحتين على وسعهما. الجبان فقط هو من يغمض عينيه. إغماض عينيك وسد أذنيك لن يوقف الزمن."
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أُعجبنا كذلك بنظرة هاروكي موراكامي للحرب، ونزعة السلام في هذه الرواية:
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"عندما تنشب الحرب، يُجبر الناس على أن يصيروا جنوداً، يحملون الأسلحة ويمضون إلى الجبهة. وهناك يتحتم عليهم أن يقتلوا أكبر عدد ممكن من الجنود الذين على الجبهة المقابلة، ولا أحد يهتم ما إذا كنت تودّ قتل الآخرين أم لا. فهو مجرد عمل يتحتم عليك فعله، وإلّا قتلت أنت... هذا هو تاريخ البشرية في اختصار."

"لو لم نعثر على هذه الرقعة، لكانوا شحنونا إلى ما وراء البحار... وهناك كنّا إما سنَقتل أو سنُقتل. لم يكن هذا لنا. أنا مزارع في الأصل، وصاحبي هذا قد تخرج لتوّه من الجامعة، ولا أحد منّا يرغب في قتل أحد. والأسوأ طبعاً عن نُقتل."
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رواية ساحرة، تنتقل بنا إلى اليابان، عالم بعيد، ثقافة مختلفة، حتى شكل البيوت والمعابد والمأكولات مختلف. فيها الكثير من عناوين الكتب والمقطوعات الموسيقية الساحرة.

تنمّ هذه التحفة عن موهبة موراكامي الفذّة في الكتابة وثقافته الغزيرة والمتنوّعة في كل المجالات، نستغرب أشد الاستغراب لماذا لم يتم منحه نوبل في الآداب إلى الآن.

لا يهم إن كنّا توصّلنا لحل لكل هذه الألغاز أم لا، المهم هو أننا عشنا هذه الرواية في كل تفاصيلها كما لو كنّا جزءاً منها.
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"أعتقد أن هناك أشياء يجب ألّا نحاول فهمها."
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بل أن نغرق في سحرها ونترك لخيالنا أن يُكمل الرحلة.

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April 25,2025
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Ανοίγοντας τον «Κάφκα στην ακτή» αποκοιμήθηκα… στην πρώτη πρόταση είδα ένα όνειρο… τελειώνοντας το βιβλίο δεν ξύπνησα, το όνειρο κράτησε λίγο περισσότερο από την ανάγνωση… αυτός είναι ο κόσμος του Μουρακάμι.
Ο Μουρακάμι μέσα μου έχει λάβει τον τίτλο του άρχοντα του παράδοξου. Ένα παράδοξο το οποίο καταφέρνει να φαντάζει οικείο, σωστό, που σε πείθει ότι αυτός είναι ο κόσμος της λογικής (θα μου πείτε αυτό σημαίνει μαγικός ρεα��ισμός αλλα αυτός ο συγγραφέας, το είδος το παίζει στα δάχτυλα).
Οι ήρωες του βιβλίου, κάθε παράδοξο το αποδέχονται, γίνεται μέρος τους και τελικά δεν χρειάζεται περαιτέρω αναλύσεις, δεν υπάρχουν εξηγήσεις για το πώς και το γιατί.
Γιατί, έτσι βαδίζουμε στα όνειρα, επειδή το όνειρο υπάρχει και πως κανείς μπορεί να το εξηγήσει;
Ο ονειρόκοσμος του «Κάφκα στην ακτή»είναι ντυμένος με λογιών λογιών τις πληροφορίες.
Ο Άντολφ Άιχμαν δεν μετάνιωσε ποτέ για τα εγκλήματα που διέπραξε στον Β’ Π. Π., ο μουσικός Χάιντν έτρωγε με τους υπηρέτες, ο Μπετόβεν μισούσε τους ευγενείς και άλλα πολλά τα οποία βρίσκονται διασκορπισμένα στην ιστορία και δεμένα μαζί της.
Οι χαρακτήρες του Μουρακάμι περιγράφονται με ρεαλιστική σαφήνεια, ειδικά όσον αφορά την συμπεριφορά και τις συνήθειες τους ,όμως όσον αφορά τα κύρια γνωρίσματα τους, αυτά ανήκουν επίσης σε έναν κόσμο παράδοξο.
Ένας έφηβος μοναχικός μιλάει με έναν αόρατο φίλο τον οποίο ονομάζει Κρόου.
Ένας ηλικιωμένος ντετέκτιβ γάτων έχει ξεθωριασμένη σκιά και παράξενη ομιλία.
Ένας βιβλιοθηκάριος δεν γνωρίζει το φύλο του αλλά έχει απίστευτες γνώσεις και απαράμιλλη ευγένεια.
Και τέλος μία πανέμορφη γυναίκα έχει ξεχάσει ότι έπρεπε να έχει πεθάνει εδώ και πολλά χρόνια…
Η ιστορία μοιάζει να έχει μόνο έναν λογικό ήρωα στους κόλπους της, ο οποίος αργά ή γρήγορα παραδίνεται και αυτός στην τρελή δίνη του παραμυθένιου κόσμου.
Ένα εξαιρετικό έργο το οποίο μέσα από αναφορές σε άλλα έργα, μας δείχνει το στίγμα του. Ο συγγραφέας μας αφήνει ψίχουλα εδώ και εκεί για το τι θέλει να πει, εμείς αρκεί να μαζέψουμε τα ψίχουλα, όπως όταν μας αναφέρει το ποίημα «Κούφιοι άνθρωποι» του Έλιοτ προετοιμάζοντας μας για την φύση των ηρώων του ή όπως όταν δύο ήρωες του αναλύουν τα μυθιστορήματα ενηλικίωσης του Σοσέκι, επειδή και το ίδιο «Ο Κάφκα στην ακτή» είναι ένα μοντέρνο Bildungroman (μυθιστόρημα ενηλικίωσης).
Αριστοτεχνικά δομημένο, μαγευτικά αφηγημένο… εξαιρετικό μυθιστόρημα!
April 25,2025
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Really?
What just happened? Who? What? I’m sorry, what?

This is how it starts:
“You’re going to love this book.” Someone says to someone else. “I loved this book, and I know you’re going to love this book.”

Someone said this to my friend, and she read the book, and she thought, “eh.”

But there were more people out there. They love this book! This book is the book that will change everything! If they were to build a time machine and travel back in time with several copies of this book, and if they were to give copies of this book to Abraham, Sarah, Hagar, Isaac, and Ishmael then there would be absolutely no problems in the Middle East. There would be no homeless. Unicorns would run free through fields of grass. We’d all have universal health care.

“A friend of mine gave me this book. Matt really likes this book. Joe really likes this book. I thought it was ‘eh’. But maybe you’ll like it.” She said as she handed me the book.

So I read it. And I’m inclined to agree with the woman who gave it to me. It’s “eh”. Kafka is a young kid looking for something that’s been missing in his life. It maybe his mother, but that’s really just a metaphor. Then there’s this simpleton old man who can talk to cats. Then there’s this secret world in the mountains. Then there’s a magical stone. Then Godzilla, then a comet hits Mars and we all grow a third arm. I felt as if the story spiraled out of control, maybe. I think part of the problem is that Karuki Murakami doesn’t write in English, and I can’t read Japanese, and while I’m sure Philip Gabriel is a perfectly nice man, and can translate Japanese into English perfectly well, I still felt like there was something lost in the translation while reading the book. So, IF I were to suggest you read this book, I would first suggest you learn to read Japanese, then maybe spend some years in Japan. Then read the book. Then write me and tell me what you thought of it. Cause for me- it’s a little too metaphor-y, and at the end of the book, all I could think was, “Really?”
April 25,2025
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إلتقيت قبل أيام بزميل ياباني ودار بيننا حوار حول الأدب والقراءة، وتطرقنا لرواية هاروكي موراكامي هذه، وسألني إن كنت قد فهمت الرواية، خصوصًا أنني أبديت إعجابي الشديد بها، فقلت له: بصراحة .. كلا!
ضحك بشدة وقال لي : لو أنك قلت أنك فهمت الرواية لجزمت بأنك لم تقرأها، فهذه الرواية أصلا قائمة على عدم الفهم: عدم فهم الحياة، عدم فهم الحب، عدم فهم الذات..إلخ وهي بعكس روايات باولو كويلو الوعظية -مثلاً- لا تقدم لك إجابات جاهزة ومعلبة، أو تطبطب على عقلك، أو تحقن روحك بمخدر موضعي، بل تسبب لك قلقًا فكريًا وتدفعك للتساؤل بينك وبين نفسك: هل أنا أفهم..نفسي؟


April 25,2025
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كم أتمنى أن أقرأ المحادثات التي يجريها هاروكي مع شخصياته الروائية في دماغه العجيب، وأن أرى خياله الجامح الذي يحوله إلى كلمات على الورق. نقرأها، فيصبح اللامعقول معقولًا، واللاطبيعي طبيعيًا. نندمج معه فلا نشعر بغرائبيته، ويصبح عالمه واقعنا. إلى حد أنني عندما رأيت قطة أمام منزلي، تمنيت أن أرسل لها تحياتي على أمل أن ترد السلام، فأصبح أخيرًا شخصية في عالمه.

بعد قراءة مراجعات أصدقائي – والتي أصبحت عادة متكررة بعد انتهائي من قراءة أي عمل لهاروكي – وجدت أن أسئلتنا متشابهة، وليس لها إجابة، وأن فهمنا للأحداث يختلف حسب طبيعة كل شخص وتفسيره. الوقوع في حب شخصيات هاروكي أمر لا جدال فيه، والوحدة التي يكتب عنها هاروكي هي وحدتنا الدافئة في عوالمنا الخاصة. القوقعة التي نحتمي بها من المجتمع ليست مرضًا أو عيبًا، وهاروكي هو الأفضل في الكتابة عن الشخصيات التي تشعر بالوحدة، ويجيد التعبير عنها. لهذا فإن رحلتي معه دائمًا محببة إلى قلبي ولا تخلو من المتعة.

توقفت عن البحث عن أسئلة وإجابات في أعمال هاروكي، وأيقنت أن المتعة تكمن في الرحلة معه، وهذا يكفيني. لذا قررت ألا أضيف شيئًا على ما كتبه أصدقائي عن هذه الرواية، واكتفيت بالبحث عن إجابات هاروكي في مقابلة صحفية معه، علها تنهي معاناة الأسئلة التي لا إجابة لها. لكن وجب التنبيه أن الأسئلة قد تحتوي على حرق لأحداث القصة لمن لم يقرأها بعد، لكنها قد تكون إجابة لحيرتنا بعد انتهائنا من القراءة.
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س : ما الذي جعلك تريد إعادة سرد أسطورة أوديب؟ هل كانت لديك خطة للقيام بذلك عندما بدأت "كافكا أون ذا شور" أو هل حدث ذلك أثناء الكتابة؟

ج :أسطورة أوديب هي مجرد واحدة من عدة أفكار وليست بالضرورة العنصر المركزي في الرواية. منذ البداية كنت أخطط للكتابة عن صبي يبلغ من العمر خمسة عشر عامًا يهرب من والده الشرير وينطلق في رحلة بحثًا عن والدته. ارتبط هذا بشكل طبيعي بأسطورة أوديب. لكن على ما أذكر ، لم تكن لدي هذه الأسطورة في ذهني في البداية. الأساطير هي النموذج الأولي لجميع القصص. عندما نكتب قصة بمفردنا ، لا يسعنا إلا الارتباط بكل أنواع الأساطير. الأساطير مثل خزان يحتوي على كل قصة موجودة .

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س : في هذا الكتاب ، تشير إلى "حادثة رايس باول هيل" ، حيث فقد مجموعة من الأطفال وعيهم أثناء نزهة مدرسية في التلال. هل للتحقيقات الخيالية في هذه الحادثة أساس من أحداث تاريخية حقيقية أو قصص إخبارية؟ هل خبرتك كصحفي هي التي غطت هذا الجزء من الرواية؟

ج : أفضل عدم الخوض في ذلك
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س : قبل أن تصبح "ما بعد الحداثة" كلمة طنانة ، اكتشف فرانز كافكا حالة العزلة الخاصة المرتبطة بعالم الألفية الجديدة ما بعد النووية. هل سميت بطلك من بعده لاستخلاص هذه المواضيع ، أم كانت هناك أسباب أخرى؟

ج : غني عن القول أن "كافكا" واحد من كتابي المفضلين جدا. لكنني لا أعتقد أن رواياتي أو شخصياتي تأثرت به بشكل مباشر. أعني أن عالم "كافكا" الروائي عالم متكامل بحيث إن محاولة اقتفاء أثره ليست لمجرد العبث وإنما هي مخاطرة كبيرة بالفعل. ما أرى أنني أكتب الروايات بطريقتي الخاصة، وتفكيك عالم "كافكا" الروائي الذي كان نفسه يفكك النظام الروائي السائد. قد يلاحظ أحد أن هذا نوع من التكريم لكافكا. والحقيقة، لم أكن محيطا بماذا تعني "ما بعد الحداثة". لكن لدي شعور أن ما أفعله مختلف قليلا. على أي حال، كنت أود أن أكون كاتبا فريدا ومختلفا عن أي كاتب آخر. أريد أن أكون الكاتب الذي يروي القصص بعكس طريقة غيره من الكتاب .

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س : ناكاتا ، الشخصية الرئيسية الأخرى ، هو ضحية محبوبة لكارثة المدرسة التي لا تشبه كل من حوله. ما الذي دفعك إلى إنشاء هذا النوع من الشخصية؟

ج :أنا مهتم دائمًا بالأشخاص الذين تسربوا من المجتمع ، والذين انسحبوا منه. معظم الناس في كافكا على الشاطئ هم بشكل أو بآخر خارج التيار الرئيسي ، ناكاتا هو بالتأكيد واحد منهم. لماذا صنعت شخصية مثله؟ يجب أن يكون لأنني أحبه. إنها رواية طويلة ، ويجب أن يكون للمؤلف شخصية واحدة على الأقل يحبها دون قيد أو شرط.

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س : ظهر القطط كثيرا في رواياتك وفي هذه الرواية خصوصا تلعب دورا لا ينسى. ما هو هدفك من الوصف التفصيلي لكيفية افتراس نحات مختل للقطط؟ لماذا القطط مهمة لشخصياتك أو قصصك؟

ج :يجب أن يكون ذلك لأنني مغرم شخصيا بالقطط، لقد كانت من حولي دائما منذ أن كنت طفلا. لكنني لا أعرف ما إذا كان لها أية أهمية أخرى .

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س :يكتشف البطل "كافكا" أغنية "كافكا على الشاطئ" ويتساءل ما إذا كانت المرأة التي كتبتها تعرف ماذا تعني كلماتها. تقول شخصية أخرى "الرمزية والمعنى ليسا ضروريين هما شيئان منفصلان" بما أن روايتك والأغنية تشتركان في هذا العنوان. إلى أي درجة يحمل هذا التصريح أهمية؟ هل يشير رمزه إلى معنى أوسع؟

ج :لا أعرف الكثير عن الرمزية. يبدو لي أن هناك خطرا محتملا في الرمزية. ستشعر بارتياح أكبر في التشبيهات والاستعارات. أنا في الحقيقة لا أعرف ماذا تعني كلمات الأغنية. أو ما إذا كان لها أي معنى في المقام الأول. ربما تكون أسهل كثيرا للفهم إذا ما تعين على شخص ما أن يلحن كلماتها ويغنيها .
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س : سمعنا أن ناشر روايتك الياباني قد أنشأ بالفعل موقعا على الانترنت لمساعدة القراء لفهم الرواية.. ولأننا لا نستطيع قراءة الموقع، هل يمكن أ�� تخبرنا بشكل موجز ما هي بعض الأسرار التي احتوتها الرواية؟

ج : وصلني عبر هذا الموقع في غضون ثلاثة أشهر حوالي ثمانية آلاف سؤال من القراء وأجبت بنفسي على أكثر من ألف ومائتين سؤال منها. كانت تتطلب الكثير من العمل، لكنني في الحقيقة استمتعت به. ما استنتجته من هذا التبادل أن المفتاح لفهم الرواية يكمن في قراءتها عدة مرات. قد يبدو هذا تسويق ذاتي. لكنه حقيقة. أعرف أن الناس مشغولون، وهذا يعتمد على ما إذا كنت ترغب شخصيا بفعل ذلك. لكنني اقترح إذا كنت تمتلك الوقت أن تقرأ الرواية أكثر من مرة. ينبغي أن تكون الأمور أكثر وضوحا في القراءة الثانية. أنا بالطبع قرأتها وكتبتها عدة مرات، وفي كل مرة أفعل ذلك ببطء لكن بالتأكيد تبدأ وتنتهي كلها بتركيز حاد.
تحتوي "كافكا على الشاطئ" على العديد من الألغاز لكن لا يوجد أية حلول مقدمة. بدلا من ذلك ثمة العديد من الألغاز المجموعة، ومن خلال تفاعلها تأخذ إمكانية الوصول إلى حلها شكلا ما. وهذا الشكل الذي سيتخذه الحل سيكون مختلفا من قارئ لآخر. وبعبارة أخرى تعمل الألغاز كجزء من الحل. من الصعب شرح ذلك ولكن هذا هو نوع الرواية الذي كنت مستعدًا لكتابته.
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أخيرًا، كانت تجربة ممتعة جدًا. سأبحث عن إجابات لبعض الأسئلة في الرواية بدافع فضولي ووسواسي، رغم أن أي إجابة لن تؤثر كثيرًا على حبي للرواية. أما هاروكي، فإن واقعيته السحرية تختلف كثيرًا عن تلك التي تميز المدرسة اللاتينية؛ فهي تحمل لمسة من الجنون الذي ينفرد به هاروكي وحده عن غيره. وكالعادة، اقتباسات هاروكي رائعة وإبداعية، وكنت أتمنى أن أضمها للمراجعة، لكنها كثيرة جدًا :)
April 25,2025
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خب؛ این روند لایه لایه و پیوسته و موازی ـشو دوست داشتم. چنان چفت و بستی داشت که به آشفتگی شخصیت ها نمی خورد و این رمان فقط به چنین تضادی ختم نمیشه. سرشار از تناقضه. همه شخصیت ها در عین اینکه فقدان دارن و دچار یه جور بحران ��لسفی ان، دیالوگ های فیلسوفانه دارن که بعضی جاها مصنوعی و زننده درومده به نظرم. بازی های روانی زیاد داره. استعاره های خیلی زیرکانه. از نظر ادبی خیلی جالبه. ولی فقدان تو کل داستان حاکمه و در نهایت با همون هم تموم میشه. انگار ناتوردشتی نوشته شده که سعی داره روانکاوانه و تحلیلی به شخصیت ها و زندگی بپردازه، طنز و هزل نداشته باشه، داستان رو به اوج برسونه و ازون گذر کنه. حتی پایان هم پایان ِ ناتوردشته. از طرفی روح سوفکلس و خاصه اودیپ و عقده ـش، با داستان عجین شده و سعی کرده مالیخولیایی شخصیت ها رو- یا به بیان استعاره ای شاید، همه آدمای دنیاش رو- نشون بده. همه گره ها و عقده های فاش نشده و رازآلود انسانی. ازین نظر موراکامی خیلی تحسین برانگیزه. ولی تلاش افراطی ـش واسه خودنمایی های ادبی ـشو نمی فهمم. مثلاً این تعلیق ِ خشک و اعصاب خرد کن ِ داستان. تعلیق خودش خیلی هنره، یحتمل 600 صفحه نوشتن ِ تعلیق دار نهایت استادیه. ولی من که خسته شدم اینقــــــــــــــد کُند سرنخ و اطلاعات بدی که خواننده کلافه شه. داستان می تونست حداکثر تو 300 صفحه تموم شه واسه من. داستان پُر از دیالوگ های اضافی بود. پُر! پُر از صحنه های حشو و اوج و فرودهای پوچ. ترجمه هم نمیدونم چقدر موفق بوده این وسط. سانسور هم که اصلاً نمیدونم. :)) سرنخ ها ربط دلنشینی داشتن. ولی اینقــــــــــــد این وسط چیزای زاید بودن که اهمیتشون از دست می رفت و من بیشتر گیج میشدم. انگاری موراکامی می خواسته این نوع مالیخولیا رو به مخاطبشم منتقل کنه. نمیدونم کار درستیه یا نه. توی ادبیات، ایجاز یه مهارت و هنر ستایش شده ـست که موراکامی تو این داستان نداره. خیلی از گره های خوشگل ِ داستان با همین زیاده گویی ها خود به خود باز می شن و فرصت کند و کاو رو از مخاطب می گیرن. داستان عرصه ی تامله. وقتی داستانی رو می خونی، مخاطبم باید یکم فکر کنه بعدش دیگه. موراکامی جان، وقتی می تونی چنین داستان پُر گره و لایه لایه ای خلق کنی، لازم نیست باهاش خودنمایی کنی. و اینم در نظر بگیر که چنین داستانی مخاطب خودشو می طلبه و مخاطبتم می گیره چی میگی. اینقد همه چی رو باز نکن! :| اینقد همه چی رو لقمه نکن بذار تو دهن مخاطب! زور ِ اضافی نزن! اینقد منو حرص نده! :| :))

+ ویرایش 2024: کاش این ریویو رو نمینوشتم. کاش کلاً ریویو ننویسم، نه؟
April 25,2025
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أغلب اصدقائي بدأوا الريفيو ب"ناكاتا ليس ذكيا"و"عقل ناكاتا لا يحتمل كل هذا"..حسنا
بعد قراءة الاحداث الغرائبية بل والسريالية احيانا, أشعر بـ انني قد تحولت الي ناكاتا

إنها قصه كافكا الشاب الذي هرب من بيت أبيه هربا من لعنة سوداء ستتحقق
وناكاتا العجوز الذي يحب الحنكليس ويتحدث الي القطط ويبحث عن نصف ظله الاخر

وربما اجمل مافي رحلة كافكا هي الحوار الثقافي الفني بالمكتبة الرائعة, وإن طال

ولكن الامور تتأزم وتزداد غرابة وغموض ودموية..لكافكا من جهه وناكاتا من اخري

ثم تزداد الاحداث الغريبة والسريالية في رحلة البحث عن الحقيقة, اصل اللعنة..اصل الشخصية نفسها, وأصل الظل..في رحلتين منفصلتين متصلتين لكل من كافكا و ناكاتا..الأول يهرب من لعنة ابيه ليجد انه يهرب اليها والاخر يذهب في رحلة طويلة للبحث عن نصف ظله الاخر مع رفيق يمنحه رحلة تغير حياته


وماذا يربط بين كل هذا؟ ماهو حجر المدخل؟ كيف فقد ناكاتا ظله؟ ولماذا؟
يجب ان تظل مع كافكا وناكاتا حتي نهاية الرحلة كي تعرف..

لتصل الي الحقيقة وراء حجر المدخل..ولكنك ستكون مرهقا بحق كهذه الصورة بالظبط

ولكني لست مرهقا, بل مشتتا ومتحيرا..لم افهم الكثير من الاحداث السريالية والرموز التي بالطبع لم استطع فك شفرتها..اشعر اني فعلا صرت كالسيد ناكتاكا, بل والادهي اشعر اني فقدت القدرة علي الحديث مع سوزي !!!! قطتي البيضاء التي تساعدني في كتابة الريفيو, انها كالفتي المدعو كرو بالنسبة لي

لقد تسببت الاحداث السريالية المبتورة بعضها او التي انتهت دون تفسير واضح او حتي مبهم في حيرتي,وحتي بحثت عن ولو تفسير بسيط دون جدوي بالرغم من البحث والبحث والبحث

وبهذه المناسبة يجب ان اشير الي ان الرسومات الرائعة في البداية هي لفنانة متميزة وجدت موقعها بالصدفة وقت البحث وهذا موقعها من هنا
ا
Lisa Ito, is the young super talented illustrator of the pictures of the novel at the beginning of the review ,you can know more about her and her amazing site for the novel here
الاحداث بعضها مثير فعلا، ولاهث وعجيب
وإن كان ظل أغلبه بلا معني في الصورة الكاملة للاسف...ربما هو رمزي لظروف ما باليابان، وصراع بين القديم والحديث...صراع في الحياة من بعد الحرب العالمية الثانية وسقوط القنبلة النووية الأمريكية علي اليابان
ربما هي عن الحياة في اليابان بين الماضي والامبراطورية اليابانية وبين الحاضر...ربما وربما وربما ولكني للأسف فعلا لم أستطع أستيعابها كاملة

ربما فعلا وجدت هذا التفسير هنا واخر هناك حول تشبيه بعض الشخصيات باليابان قبل الحرب العالمية الثانيه وبعدها, ولكنها كلها لا تزيد عن تخمينات او تكهنات
البعض يقول ان هوشينو, السائق البسيط الذي يصطحب ناكاتا في رحلته هو الشباب الياباني بعد الحرب, وجوني ووكر او الاب او ذلك الغريب الذي يبحث عن البوق الذي يحصد الارواح -الحرب- هو ...لا اعرف حقا..اشعر ان بعض التحليلات لم تخطر ببال هاروكي نفسه

عاما لقد توقفت عن البحث الان ..وساستعير هذه الكلمات لتعبر عن رايي في التشبيهات والرموز السريالية بالرواية, كلمات من الرواية نفسها..اغلبها ل..ناكاتا بالطبع والتي كانت محقة فعلا في وصف احداث الرواية نفسها
" من الأفضل ألا أحاول العثور على المنطق”
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لا يجب عليك ان تفكر في اشياء صعبة, فقط دع نفسك تتخللها وتنغمس بها.بالنسبة لناكاتا لا شئ يمكن ان يكون افضل من ذلك
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او ذلك الحوار الكوميدي بين هوشينو صديقه وكولونيل كنتاكي الشهير "بتاع الفراخ , انا لم اخطئ في الكتابة اذا لم تقرأ الرواية"
قال هوشينو : عموما لقد قررت ألا أفكر في الأمور كثيرا, لقد عشت نوعا من الخلاص الليلة الماضية. كنت أتعامل مع توافه الأمور بجدية فائقة - مضيعة حقيقية للوقت
-خلاصة حكيمة جدا, فالمثل يقول تفكير بلا جدوي أسوأ من عدم التفكير
-يعجبني هذا القول
-له معان كثيرة ألا توافقني الرأي
-وهل سمعت هذا القول :"سدينا شط السيد والسيد ما سد شطنا"؟
-وما معني هذا القول اللعين أصلا؟
-لقد أخترعته, لخبطة لسان لا أكثر


حسنا.. لقد كان التفكير بالنسبة لي في بعض احداث الرواية بالضبط كمحاولة تفسيري -دون اي دراسة للفنون لهذه اللوحه

ولكن هذا ليس معناه اني لا احب هذا النوع من الاحداث الغريبه...بالعكس فقرائتي السابقة كانت مائة عام من العزلة..الواقعية السحرية, وكانت من امتع قرائتي

ولكن كما قلت للرواية بعض الجوانب الجيدة, مبدئيا ستشعر فعلا انك في صالون ثقافي ادبي تستمتع لحوار حول ادباء واعمال ادبية خالدة ليس الادب الياباني فحسب وانما عالمي
في ذلك الحوار الذي يدور دائما بين كافكا وأوشيما ,أمين/ة المكتبة, أو حتي هوشينو وشخصيات اخري حول الفن والموسيقي والافلام عاما..فجو المكتبة كان جميلا بحق وتلك الجولة في اشهر الروائع الادبية والفنية

فقط يعيبه انه كان طويلا احيانا, مستفيضا جدا احيانا اخري, وبعض الوقت مملا,وان لم يفق وصف جولات كافكا في الغابة وحده "واعضاءه" مللا

وقد تعجبت جدا في جزء ما وتمنيت الا يحدث في نهايه تلك الرواية ما تم ذكره عن احد الاعمال الادبيه في ربع الرواية الاول ..ما قاله/ته أوشيما عن رواية عامل المنجم لناتسومي سوسيكي
"تلك التجارب التي يمر بها في المنجم هي تجارب يمتزج فيها الموت بالحياة . وفي النهاية يخرج من المنجم ويعود الي حياته القديمة, من دون أي إشارة ألي انه تعلم شيئا من تلك التجربة أو حدث تغيير في حياته, أو أنه بدأ يفكر بعمق في معني الحياة ,ولا يصل إليك كذلك أي إحساس بأنه نضج

وأنما ينتابك بعد أن تنهي الرواية أحساس غريب ,وكأنك تتعجب : ما الذي كان سوسيكي يحاول قوله ؟ إنه هذا الأحساس -بأنك لا تعرف بالضبط ما الذي كان يريد سوسيكي قوله- هو الذي يبقي معك بعد قراءة الرواية, لا أستطيع أن أوضح جيدا"
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حسنا...لم يصل الامر لهذا الحد وأن كان قريبا منها نوعا ما بالنسبه لي..فشعرت ان الرواية فعلا كجزء ثاني من عامل المنجم..لن تعرف ما الذي كان يريد ان يقوله هاروكي موراكامي من اجمالي هذه الرحله


ولكن في نفس الوقت فلا أنكر اني استمتعت بأن يكون بطل الرواية شغوفا بالقراءه لهذا الحد, ووصفه للقراءه عاما يتناسب معي جدا جدا جدا ,ولطالما تحدثت عنه في بعض الريفيوهات
“يبدأ العالم الحقيقي في التبخر من ذهني. أصبح وحيداً. داخل القصة. وهذا إحساسي المفضل”
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“لا أندفع في القراءة كأنني في سباق, بل أعيد قراءة الأجزاء التي أعتقد أنها الأهم حتى أفهم مغزاها”
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وبالرغم من تطبيقي لهذه المقولة الاخيرة اثناء قرائتي لتلك الرواية, الا انها لسهولة لغتها بحق -يحسب تماما للروائي طبعا وللمترجمة ايضا في نفس الوقت- كانت تنتهي مني بسرعة..ورغم ذلك لم استعب كل شئ حتي الان
عقل ناكاتا لا يحتمل كل هذا
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وبالرغم من ان الجزء في البداية الخاص بالتحقيقات جعلني اشعر انها كحلقات
The X-Files
وهي حلقاتي المفضلة اساسا, وعشقي للغرائبية الشديدة في بعض الاحيان حتي مثلا شعرت ان الاجواء كاجواء افلام ديفيد لينش "والذي استمتعت جدا بجو طريق موهلاند, والذي يحتوي علي بعض عناصر نفس تلك الرواية"

و بالرغم من استمتاعي الشديد جدا بفكرة ناكاتا ومحادثته للقطط
حسنا يجب ان اعترف انني احب القطط وكنت اعشق "وعشت" مغامرة بكوميكس في سن العاشرة لم أمل من تكرارها وهيرحلة القط مشمش


ولكني فعلا شعرت بشئ من الاحباط لتداعي القصة بطريقة لم ترق لي مبالغ في غرائبيتها ولم تكن الخيوط التي تربط الشخصيات بالقوة التي كنت متوقعها
فمثلا موهبة التحدث للقطط, غير مفهوم كيف انتهت..التحقيقات, لم تنتهي بنفس القوة التي بدأت بها
لا اتحدث عن الغرائبية الزائده او شئ من السريالية فكما جاء علي لسان احد الشخصيات
“أنا لست ضد الأشياء المعتوهة كليّاً”
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بالعكس راق لي بعض الاشياء المعتوهه بالاحداث "فكما قلت احب الغرائ��يات" ولكني لم افهمها في كثير من الاحيان..وبعضها كان مبتورا او بدون مغزي
ومره اخري اقتبس من الاحداث
لقد عبر أنطون تشيخوف علي أفضل نحو عندما قال : إذا ظهر مسدس في قصة ما, فسيكون من الضروري في النهاية أن يطلق النار
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وبصراحة..ووجهه نظري هي
كم من مسدس ظهر في تلك الرواية..لم يطلق حتي صوتا


حسنا, أعتقد أنني اطلت كثيرا :) ,لقد نامت سوزي وقت كتابتي الريفيو

وهنا يجب ان اذكر وجهه نظر اخري في موضوع الوصف الايروتيكي الزائد في بعض تفاصيل الرواية ,فأنا كـ"ناكاتا" راق لي هووس ناكاتا بالحنكليس وأكل الحنكليس
فكما بجانب الحوار الثقافي الادبي الفني السينمائي ستجد ايضا حوار عن الطعام ومأكولات يابانية ممتاز بحق
وقد أكل ناكاتا الحنكليس اكثر من مرة بالروايه واعلن شغفه له تقريبا في كل مره يتحدث عن الطعام.."بطريقة ساخرة وجميلة جدا" لدرجة انه اجبرني علي الذهاب لمطعم السوشي في نص الشهر "بعد نفاذ المرتب تقريبا" لتناول طبقا من الاوناجي سوشي -او ما يعرف بالإييل نيجيري او الحنكليس :)"

ولكن طوال الاحداث لم تجد وصف كيف قام ناكاتا بوضع قطعة لحم الحنكليس علي لسانه وكيف سال لعابه عليها قبل ان يضم شفتيه علي القطعة نفسها,ولبمضغه مضغتان بسيطتان بالاسنان ليذوب لحم الحنكليس المطهو جيدا -حيث انه من المأكولات البحرية القليلة جدا التي لا تقدم نيئة تماما في السوشي- مخلفا طعما شهيا لاذعا لذعة بحرية ,ليبتلعه ويشعر بالسعادة ..ثم بعد..

حسنا حسنا اعلم اني تماديت, هذا لم يحدث في الرواية فوصفا كهذا مفروغا منه..يكفي ان نعرف انه يحب الحنكليس جدا, واكل احنكليس في بعض المرات خلال الاحداث
حسنا, كنت اتمني ان يحدث نفس الاختزال بالنسبه للمشاهد الجنسية..هل تفهم قصدي؟
بالنسبة لكافكا, انه حدث الجنس مع كذا ومع كذا وكان جميلا او غريبا او ايا كان الموقف,ولكن الاسهاب في السرد, وايضا بالاخص الاجزاء الخاصة بوصف الاعضاء كان مملا للغاية, وفي غير مكانه علي ما اعتقد بالنسبة للرواية الغير مصنفة علي انها ايروتيكية

هذه كانت النقطة الاخيرة في الريفيو الطويل الملائم لرواية طويلة مرهقه الي حد ما
ربما تقييمي لها بنجمتين جاء بسبب كل ماسبق,ربما لانني لم افهمها وتحولت الي ناكاتا أخر

ربما لان في منتصف الاحداث كان سقف توقعاتي يعلو ويعلو لدرجة طموحي في ماستر سين
Master-scene
او مشهد ذروة قبل النهاية يجتمع فيه اهم الابطال يلقون بتفسيرات او يفجرون مفاجأت لبعضهم البعض مثلا,ويمسك ناكاتا رأسه بيديه متألما من الاحداث المتلاحقة ليئن ويقول
عقل ناكاتا لا يحتمل كل هذا
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ولكن هذا للاسف لم يحدث..وكانت الخلاصات التي خرجت منها بالرواية قليلة لانني لم افهمها..فعقلي لم يتحمل كل هذا
أصدرت الكتاب دار نشر متواضعة, ولم يشتره أحد. لم يكن الكتاب يتضمن أي خلاصات, ولا ,ولا أحد يرغب في قراءة كتاب بلا خلاصات. لكن في ما يخصني كان من المناسب جدا ألا أصل إلي خلاصات
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هكذا قالت ميس سايكي , تلك الشخصية الغامضة..وهكذا شعرت بالنهاية..انا لم احب الكتاب وقيمته هكذا لاني لم اخرج منه بخلاصة

ولكن لا يمنع هذا انها كانت رحلة من نوع خاص
وربما اعاودها مرة اخري -ولكن بقراءه سريعة المرة القادمة- بعدما اقرأ اكثر حول التاريخ الياباني وتطورات مجتمعه من خلال روايات من الادب الياباني اخري ,فكافكا علي الشاطئ اول قرائتي في الادب الياباني

ولا تدع في النهاية تقييمي يبعدك عن قراءه الرواية..فالكثير من الاصدقاء استمتعوا بها اكثر مني كما يبدو , وهي رحلة فعلا اعتقد انها تستحق القراءه فبعض احداثها كان ممتعا بالنسبة لي
وسأختتم ايضا كما فعلت طوال ذلك الريفيو بتلك الجملتين الانسب للختام
“هناك أشياء كثيرة لا نستطيع أن نراها بوضوح إلا بعد زمن”
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الزمن..اه من الزمن
كانت تلك الرواية التالية لرواية زمنية اخري عشقتها وتحدثت عن الزمن في الريفيو الخاص بها وهي مائة عام من العزلة
وربما لهذا هذا الجزء اعجبني جدا ايضا لميس سايكي عن الذكريات والزمن
-كل ما أردته الانطلاق غلي عالم أخر, عالم لايصل اليه احد,عالم وراء مسار الزمن
-لكن لا مكان كهذا في العالم
-بالظبط, ولهذا مازلت هنا, في هذا العالم حيث تستمر الأشياء بالفناء, وتتقلب القلوب ,ولا يكف الزمن عن الرور
وتصمت برهه كأنما تشير إلي مرور الزمن
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كل منا يفقد شيئا عزيزا عليه, فرصا, أمكانيات, مشاعر لا يمكننا استعادتها أبدا. كل هذا جزء من معني كوننا نعيش. ولكن في داخل رؤوسنا- أو هذا ما أتصوره أنا- نخزن الذكريات في غرفة صغيرة هناك ز غرفة كالرفوف في هذه المكتبة, ولنعي الأعمال التي كتبتها قلوبنا, علينا أن نصنفها وننظمها ببطاقات , ونزيل عنها الغبار من حين لأخر, ونجدد لها الهواء, ونغير الماء في أواني الزهور , بكلمات أخري , ستعيش إلي الأبد في مكتبتك الخاصة بك
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حسنا...اعتقد فعلا ان هذه الرحلة بالرغم من كل شئ, لن انساها
“ورغم مرور وقت طويل، وبغض النظر عن كل الأحداث الغامرة، فهناك أشياء لايسعنا أبداً أن نلقيها في طي النسيان، ذكريات لاتمحى، تبقى للأبد كالحجر الصوان.”

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محمد العربي
من 4 مايو 2014
الي 8 مايو 2014

"الريفيو في 27-29 مايو 2014"
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